मात पिता हैं सच्चे परमेश्वर मात पिता हैं सच्चे परमेश्वर
वो पत्र आज मुझे मिला पुरानी डायरी में। वो पत्र आज मुझे मिला पुरानी डायरी में।
तारों के संग... तारों के संग...
मेरे चेहरे पे आते जाते रंग बदलते हैं हर मौसम के संग मेरे चेहरे पे आते जाते रंग बदलते हैं हर मौसम के संग
मानवता की छवि वे दिखलाते हैं उनके कर्म ही सृष्टि को संतुलित रखते हैं। मानवता की छवि वे दिखलाते हैं उनके कर्म ही सृष्टि को संतुलित रखते हैं।
जो मात-पिता हैं पूज्य अरे ! तुम उनको क्यों ठुकराते हो। जो मात-पिता हैं पूज्य अरे ! तुम उनको क्यों ठुकराते हो।